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Navratri 2025 9 Days: 22 सितंबर से शुरू हो रही है नवरात्रि: जानें 9 दिन की पूजा विधि, रंग और महत्व

दुर्गा माता कौन हैं?

Navratri 2025 9 Days दुर्गा माता शक्ति की प्रतीक हैं। इन्हें ‘अम्बे’, ‘काली’, ‘भवानी’, और ‘शक्ति’ जैसे कई नामों से जाना जाता है। नवरात्रि के नौ दिन विशेष रूप से इन्हीं को समर्पित होते हैं, लेकिन प्रतिदिन दुर्गा माता की आरती करने से भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

दिन 1 का नाम और देवी

  • इस दिन की देवी माँ शैलपुत्री होती हैं। “शैलपुत्री” का अर्थ है ‘शैल की पुत्री’ यानी हिमालय की पुत्री।
  • माँ शैलपुत्री दुर्गा माँ का पहला स्वरूप है, शक्ति और स्थिरता की देवी मानी जाती है।

मुहूर्त (समय) / घटस्थापना

  • इस वर्ष घटस्थापना का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 AM से 8:06 AM तक है।
  • इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना संभव है।

रंग

  • इस दिन सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि सफेद शांति, पवित्रता और शीलता का प्रतीक है, और माँ शैलपुत्री को यह रंग प्रिय है।

पूजा विधि (पूरी दिनभर की)

पूरे दिन की गतिविधियाँ इस तरह से हो सकती हैं:

  1. सुबह जल्दी उठें, स्नान पूजन करें।
  2. घर या मंदिर की पूजा जगह को साफ करें, गंगा जल से स्नान या छिड़काव करें।
  3. कलश स्थापना / घटस्थापना करें — मिट्टी का बर्तन, उसमें जौ बोएँ, कलश में जल, दूर्वा, अक्षत (चावल), सिक्के आदि रखें, कलश के मुंह पर नारियल व आम या पत्ते रखें।
  4. माँ शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र स्थापित करें
  5. देवी को सूर्य नमस्कार जैसा भजन की शुरुआत, गणेश पूजन करें।
  6. पूजा सामग्री दें — फूल (विशेषकर सफेद), घी, दूध से बने भोग, हलवा, खीर, बर्फी आदि।
  7. मंत्र जाप और कथा पाठ ज़रूर करें।
  8. आरती उतारें।
  9. व्रत यदि रखते हैं तो दिनभर संयमित भोजन, निर्जल व्रत या फलाहार व्रत हो सकता है, साधारणतः दिन में हल्का भोजन या फलाहार हो।

📖 व्रत कथा (कहानी)

दुःखों को दूर करने व भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु इस कथा का पाठ किया जाता है:

  • प्राचीन कथा है कि देवी सती ने राजा दक्ष के यज्ञ में बिना बुलाये जाने के बाद वहाँ जाकर यह देखकर कि इस यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया गया, वहाँ कोपित होकर यज्ञ की अग्नि में समाहित हो गईं।
  • बाद में उन्होंने हिमालय की पुत्री रूप में जन्म लिया और महारत्न पर्वतों की पुत्री होने से उनका नाम शैलपुत्री पड़ा।

🙏 महत्व

  • इस दिन पूजा-व्रत करने से मन में स्थिरता, शक्ति और शुभता आती है।
  • भक्तों का मन शुद्ध हो जाता है, आस्था बढ़ती है, देवी की कृपा मिलती है।

देवी के नौ रूप और पूजा-क्रम और रंग

दिनतिथिदेवी का स्वरूपरंग (दिन के लिए)
दिन 1 (प्रतिपद-दिन)22 सितंबरमाँ शैलपुत्री सफेद (Times Now Navbharat)
दिन 223 सितंबरमाँ ब्रह्मचारिणी लाल
दिन 324 सितंबरमाँ चन्द्रघंटाशाही नीला
दिन 425 सितंबरमाँ कूष्माण्डा पीला
दिन 526 सितंबर (चतुर्थी दोहरा दिन)फिर माँ कूष्माण्डा (same as दिन 4)पीला
दिन 627 सितंबरमाँ स्कंदमाताहरा
दिन 728 सितंबरमाँ कात्यायनीग्रे / स्लेटी
दिन 829 सितंबरमाँ कालरात्रि नारंगी
दिन 930 सितंबरमाँ महागौरीमोर हरा
दिन 10 (नवमी-दिन)1 अक्टूबरमाँ सिद्धिदात्री गुलाबी
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