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‘बहन’ बनकर योजना का पैसा डकार गए हजारों पुरुष! जानिए पूरा मामला : Ladki BahinYojana Scam

Ladki BahinYojana Scam : महाराष्ट्र की बहुचर्चित ‘लाडकी बहिन योजना’ में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। महिला सशक्तिकरण के लिए लाई गई

इस योजना का गलत फायदा 14,298 पुरुषों ने भी उठाया है। इतना ही नहीं, जांच में यह भी पता चला कि 26.34 लाख लाभार्थी फर्जी निकले, जिनका भुगतान अब रोक दिया गया है।

क्या है लाडकी बहिन योजना?

यह योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा उन गरीब महिलाओं के लिए शुरू की गई थी, जिनकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है। पात्र महिलाओं को ₹1,500 मासिक आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में दी जा रही थी।

फर्जीवाड़ा कैसे सामने आया?

मंत्री अदिति तटकरे ने खोला राज़

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि सभी विभागों से लाभार्थियों का डेटा मंगाकर क्रॉस-जांच की गई। इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:

  • कई लाभार्थी अन्य योजनाओं का भी लाभ ले रहे थे
  • कई परिवारों में दो से अधिक सदस्य योजना का लाभ ले रहे थे
  • 14,000 से अधिक पुरुषों को योजना के तहत भुगतान किया गया

अब इन मामलों की फील्ड जांच का जिम्मा जिलाधिकारियों को सौंपा गया है।

कितनी महिलाओं को मिला सही लाभ?

अब तक कुल 2.25 करोड़ पात्र महिलाओं को ₹1,500 मासिक राशि दी गई है। लेकिन जून 2025 से 26 लाख फर्जी खातों का भुगतान रोक दिया गया है।

क्या होगी कार्रवाई?

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का बयान

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“जो भी लोग फर्जी तरीके से योजना का लाभ ले रहे हैं, उनसे पूरी राशि वसूली जाएगी। जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। यह योजना केवल महिलाओं के लिए है, इसका दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।”

विपक्ष का हमला

विपक्ष ने इस पूरे मामले पर तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की लापरवाही का नतीजा है और महिलाओं के नाम पर वोट बटोरने के लिए जल्दबाजी में योजना शुरू की गई थी।

योजना की शुरुआत कैसे हुई थी?

‘लाडकी बहिन योजना’ की घोषणा अगस्त 2024 में विधानसभा चुनावों से पहले की गई थी। महायुति सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में यह योजना लागू की गई थी। इसका सीधा लाभ गरीब और वंचित वर्ग की महिलाओं को मिलना था।

निष्कर्ष

इस फर्जीवाड़े ने राज्य सरकार की छवि को झटका दिया है। अब देखना यह है कि सरकार वसूली और कार्रवाई को कितनी गंभीरता से अंजाम देती है, और कितनी पारदर्शिता के साथ योजना को फिर से लागू किया जाएगा।

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