महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन योजना राज्य की लाखों महिलाओं के लिए आर्थिक सहारा बनी हुई है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की मदद दी जाती है। लेकिन पिछले कुछ समय से इस योजना की किश्तें समय पर न मिलने के कारण महिलाओं में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन योजना की किश्त में देरी: जानिए वजह और आगे क्या होगा
इस देरी की सबसे बड़ी वजह राज्य में चल रही चुनावी प्रक्रिया और आचार संहिता है। पहले राज्य की कुछ नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए 20 दिसंबर को मतदान और 21 दिसंबर को मतगणना तय की गई थी। इसी कारण यह उम्मीद की जा रही थी कि 22 दिसंबर के बाद महिलाओं के खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
हालांकि, अब स्थिति बदल गई है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की 29 महानगरपालिकाओं के लिए भी चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है, जिसके चलते पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार किसी भी नई या लंबित योजना के तहत सीधे लाभार्थियों को राशि ट्रांसफर नहीं कर सकती। यही वजह है कि लाडकी बहीन योजना की किश्तें फिलहाल रोक दी गई हैं।
सरकारी नियमों के अनुसार, जब तक चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और आचार संहिता हट नहीं जाती, तब तक किसी भी तरह का भुगतान संभव नहीं है। वर्तमान जानकारी के मुताबिक, चुनावी नतीजे 17 जनवरी 2026 के बाद घोषित होंगे, और इसके बाद ही महिलाओं के बैंक खातों में पैसे आने की उम्मीद की जा रही है।
हालांकि, लाभार्थी महिलाओं के लिए राहत की बात यह है कि सरकार इस देरी की भरपाई एक साथ बड़ी राशि देकर कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नीत राज्य सरकार नवंबर, दिसंबर और जनवरी—तीनों महीनों की किश्तें एक साथ जारी कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो पात्र महिलाओं के खातों में कुल 4500 रुपये एक साथ जमा किए जा सकते हैं।
सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी महिला का पैसा नहीं रोका जाएगा और सभी लाभार्थियों को उनका पूरा हक मिलेगा। फिलहाल महिलाओं को थोड़ा और इंतजार करना होगा। जैसे ही चुनाव प्रक्रिया समाप्त होगी, सरकार इस योजना को लेकर अंतिम फैसला लेगी और भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
नवंबर-दिसंबर का पैसा क्यों नहीं मिला?
इस देरी का मुख्य कारण राज्य में चल रहे स्थानीय निकाय चुनाव बताए जा रहे हैं। दरअसल, चुनाव प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाती है। इसके चलते सरकार किसी भी नई वित्तीय गतिविधि या बड़े भुगतान को सीधे तौर पर आगे नहीं बढ़ा पाती। इसी वजह से नवंबर की किश्त समय पर जारी नहीं हो सकी।
शुरुआत में यह माना जा रहा था कि योजना की राशि 4 दिसंबर के बाद महिलाओं के खातों में जमा कर दी जाएगी। लेकिन कुछ नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव कार्यक्रम आगे बढ़ने के कारण भुगतान में और देरी हो गई। जानकारी के अनुसार, इन क्षेत्रों में 20 दिसंबर को मतदान और 21 दिसंबर को मतगणना होनी है। जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक सरकार द्वारा राशि जारी करना संभव नहीं है।

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