महाराष्ट्र सरकार की लोकप्रिय योजनाओं पर इस साल आर्थिक संकट की मार पड़ती दिख रही है। त्योहारों के मौके पर गरीबों को महज़ 100 रुपये में राशन किट उपलब्ध कराने वाली ‘आनंदचा शिधा’ योजना इस साल गणेशोत्सव पर लागू नहीं की जाएगी। इस बात की पुष्टि राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने की है।

क्या है ‘आनंदचा शिधा’ योजना?
‘आनंदचा शिधा’ योजना महाराष्ट्र सरकार की एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसके अंतर्गत राशन कार्ड धारक गरीब परिवारों को 100 रुपये में त्योहारों के समय आवश्यक वस्तुओं की किट दी जाती थी।
इस किट में आम तौर पर शामिल होते थे:
- 1 किलो चना दाल
- 1 किलो चीनी
- 1 किलो चावल
- 1 किलो तेल
- और अन्य आवश्यक सामग्री
इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को त्योहारों में भी आर्थिक राहत और खुशहाली प्रदान करना था।
कब-कब वितरित की गई थी किट?
इस योजना की शुरुआत दिवाली 2022 में हुई थी, जब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
- पहली बार दिवाली 2022 में राशन किट बांटी गई थी।
- इसके बाद यह योजना अन्य प्रमुख त्योहारों जैसे गणेशोत्सव में भी लागू की गई।
- हजारों गरीब परिवारों को इसका सीधा लाभ मिला।
क्यों नहीं मिलेगा किट इस साल?
राज्य सरकार के अनुसार इस साल आर्थिक दबाव और खर्च में भारी वृद्धि के चलते ‘आनंदचा शिधा’ योजना को गणेशोत्सव 2025 में नहीं लागू किया जाएगा।
इससे हजारों गरीब परिवारों को त्योहार के मौके पर राहत नहीं मिल पाएगी।
शिव भोजन थाली’ योजना भी संकट में!
सिर्फ ‘आनंदचा शिधा’ ही नहीं, बल्कि एक और गरीबों की योजना ‘शिव भोजन थाली’, जिसमें ₹5 में भरपेट खाना दिया जाता था, वह भी संकट में बताई जा रही है।
बढ़ती महंगाई और सब्सिडी बजट में कटौती के कारण यह योजना भी सीमित या बंद हो सकती है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में त्योहारों के समय गरीबों को राहत देने वाली योजनाएं अब सरकारी खर्च की भेंट चढ़ती नजर आ रही हैं।
‘आनंदचा शिधा’ और ‘शिव भोजन थाली’ जैसी योजनाएं लाखों गरीब परिवारों के लिए उम्मीद की किरण थीं।
लेकिन अब लगता है कि सरकार को अपने बजट और प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।

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