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दुर्गा माता की आरती: संपूर्ण आरती, महत्व और विधि | Durga Mata Ki Aarti in Hindi

दुर्गा माता कौन हैं?

दुर्गा माता शक्ति की प्रतीक हैं। इन्हें ‘अम्बे’, ‘काली’, ‘भवानी’, और ‘शक्ति’ जैसे कई नामों से जाना जाता है। नवरात्रि के नौ दिन विशेष रूप से इन्हीं को समर्पित होते हैं, लेकिन प्रतिदिन दुर्गा माता की आरती करने से भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

दुर्गा माता की आरती | Durga Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन सेवत, हरि ब्रह्मा शिव री॥

जय अम्बे गौरी…

चन्द्रमां मौली पर विराजत,
नंदा और भैरव सेवक॥

जय अम्बे गौरी…

कनक समान कांति अति शोभित,
नव चंद्रिका अंचल ढोले॥

जय अम्बे गौरी…

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती॥

मंगल हारे सदा अम्बे,
जय श्यामा भवानी॥

आरती करने की सही विधि

  1. साफ-सुथरे कपड़े पहनकर माँ दुर्गा के समक्ष दीपक जलाएँ।
  2. फूल, चावल, रोली और प्रसाद चढ़ाएँ।
  3. फिर शुद्ध भाव से ऊपर दी गई आरती गाएँ।
  4. अंत में सभी को आरती और प्रसाद वितरित करें।

दुर्गा जी की आरती के लाभ

  • नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती हैं
  • घर में सुख-समृद्धि लाती हैं
  • मानसिक शांति और आत्मबल देती हैं
  • बुरी शक्तियाँ दूर रहती हैं

दुर्गा माता की आरती: संपूर्ण आरती, महत्व और विधि | Durga Mata Ki Aarti in Hindi

“जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।”
हर रोज सुबह-शाम दुर्गा जी की आरती करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

नवरात्रि में दुर्गा आरती का विशेष महत्व

नवरात्रि के नौ दिनों में हर रोज दुर्गा जी की आरती करने से विशेष फल मिलता है। नौ रूपों की पूजा कर आरती करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है।

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निष्कर्ष

दुर्गा माता की आरती केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आत्मिक बल का स्त्रोत है। यदि आप प्रतिदिन इस आरती का पाठ करते हैं, तो माँ दुर्गा की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।

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